इस चमत्कारी चीज को लाने के लिए सत्यभामा ने श्री कृष्ण से की थी जिद, इससे मां लक्ष्मी को कर सकते हैं प्रसन्न
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं भारत को चमत्कारिक देश कहा जाता है। देश में ऐसे कई चमत्कार देखने को मिल जाते हैं जिन पर यकीन करना इंसान के लिए मुश्किल हो जाता है। देश में ऐसे बहुत से मंदिर हैं, जो अपने चमत्कार के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे चमत्कारी पेड़ के बारे में बताने वाले हैं जिसे छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है।
इतना ही नहीं बल्कि यह पेड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर है और हिंदू धर्म में भी इस पेड़ का वर्णन मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस पेड़ में इंद्र का वास होता है, लेकिन इंद्र के श्राप की वजह से ही यह पेड़ फल रहित है, इसमें कोई भी फल नहीं लगता है। तो चलिए जानते हैं आखिर यह पेड़ कौन सा है।
यह चमत्कारी पेड़ है सभी औषधीय गुणों से भरपूर
दरअसल, हम आपको जिस चमत्कारी पेड़ के बारे में बता रहे हैं, उसे हरसिंगार या पारिजात भी कहा जाता है। पारिजात का पेड़ बहुत ही सुंदर होता है, जिस पर सुगन्धित और सुंदर फूल लगते हैं। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
पारिजात का पेड़ सारे भारत में पैदा होते हैं। इस पेड़ का फूल बहुत सुगंधित होता है। इतना ही नहीं बल्कि यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है। इस पेड़ का फूल रात के समय खिल जाता है और सुबह होते ही मुरझा जाता है।
हरिवंश पुराण में मिलता है इस पेड़ का उल्लेख
पारिजात के पेड़ का उल्लेख हरिवंश पुराण में भी किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि पारिजात के पेड़ को छूने मात्र से ही देव नर्तकी उर्वशी की थकान मिट जाती थी। पारिजात नाम के इस पेड़ के फूलों को देव मुनि नारद ने भगवान श्री कृष्ण जी की पत्नी सत्यभामा को दिया था।
ऐसा बताया जाता है कि जब सत्यभामा ने इन अद्भुत फूलों को प्राप्त किया तो वह भगवान श्री कृष्ण जी से पारिजात वृक्ष को स्वर्ग से लाकर उनकी वाटिका में रोपित किए जाने की जिद कर बैठीं। श्रीमदभगवत गीता में भी पारिजात वृक्ष के विषय में उल्लेख मिलता है।
सत्यभामा की जिद भगवान श्री कृष्ण जी ने पूरी की
जब सत्यभामा ने पारिजात वृक्ष लाने की जिद पकड़ ली तो उनकी इस जिद को पूरा करने के लिए भगवान कृष्ण जी ने नारद मुनि को स्वर्ग लोक पारिजात वृक्ष लाने के लिए भेजा था लेकिन इंद्र ने भगवान श्री कृष्ण जी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और उन्होंने पारिजात वृक्ष देने से इंकार कर दिया था जिसके बाद भगवान कृष्ण जी ने गरुड पर सवार होकर स्वर्ग लोक पर आक्रमण कर दिया और उन्होंने पारिजात पेड़ हासिल कर लिया था।
भगवान कृष्ण जी ने सत्यभामा की वाटिका में पारिजात का वृक्ष लगाया तो उसके फूल उनकी दूसरी पत्नी रुक्मणी की वाटिका में गिरा करते थे। वहीं भगवान श्री कृष्ण जी के हमले और पारिजात छीन लेने से इंद्र नाराज हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने भगवान श्री कृष्ण और पारिजात दोनों को ही श्राप दे दिया।
एक अन्य मान्यता के अनुसार देखा जाए तो पारिजात नाम की एक राजकुमारी थी, जिसे भगवान सूर्य से प्रेम हो गया था। उन्होंने हर प्रयास किया लेकिन पारिजात के प्यार को भगवान सूर्य ने स्वीकार नहीं किया था जिससे दुखी होकर राजकुमारी पारिजात ने खुदकुशी कर ली थी। जिस स्थान पर पारिजात की कब्र बनी। वहीं से पारिजात नामक वृक्ष ने जन्म लिया था। यही वजह है कि जब भी रात के समय पारिजात के पेड़ को देखा जाता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि वह रो रहा हो। परंतु जैसे ही सूर्य उगता है तो उसके साथ ही पारिजात की टहनियां और पत्ते सूर्य को देखते ही लालिमा युक्त हो जाती हैं।
धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है पारिजात का वृक्ष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो धन की देवी माता लक्ष्मी जी को पारिजात के वृक्ष का उपयोग करके प्रसन्न किया जा सकता है। अगर आप माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए “ओम नमो मणिरूद्राय आयुध धराय मम लक्ष्मीवसंच्छितं पूरय पूरय ऐं हीं क्ली हयौं मणि भद्राय नम:” मंत्र का 108 बार जाप करते हुए नारियल पर पारिजात फूल अर्पित करें और पूजा के इस नारियल और फूलों को लाल कपड़े में लपेट लीजिए। इसके बाद आप इसे घर के पूजा स्थल पर स्थापित कर दें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और घर में वास करती हैं।
पारिजात का पेड़ औषधीय गुणों का है भंडार
- अगर किसी व्यक्ति को बवासीर की बीमारी है तो इससे छुटकारा पाने के लिए पारिजात रामबाण औषधि मानी जाती है। बवासीर रोगी पारिजात के एक बीज का सेवन रोजाना करें। इससे बवासीर रोग ठीक हो सकता है।
- साल में 1 महीने पारिजात पर फूल आने पर इन फूलों का या फिर फूलों के रस का सेवन करें इससे हृदय रोग से संबंधित बीमारियों से बचा जा सकता है।
- अगर सूखी खांसी ठीक करनी है तो इसके लिए पारिजात के पत्तियों को पीसकर शहद में मिलाकर सेवन करें।
- अगर पारिजात की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर लगाया जाए तो इससे त्वचा से संबंधित रोग ठीक होते हैं।
- पारिजात के कोपल को पांच कालीमिर्च के साथ महिलाएं सेवन करें। इससे महिलाओं को स्त्री रोग में लाभ प्राप्त होता है।
- अगर पारिजात की पत्तियों का जूस का सेवन किया जाए तो इससे क्रोनिक बुखार ठीक होता है।