पहलवान रवि दहिया ने फाइनल में जगह बनाकर रचा इतिहास, गोल्ड मेडल एक कदम दूर
भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। रवि कुमार दहिया अब तक कई अंतरराष्ट्रीय मेडल अपने नाम कर चुके हैं। अब उन्होंने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट में भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई किया है। पहलवान रवि दहिया ने ओलंपिक में इतिहास रच दिया। वह फाइनल में पहुंचने वाली दूसरे पहलवान बन चुके हैं। पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम वर्ग में कजाकिस्तान के सनायेव नूरिस्लाम को हराकर उन्होंने अपने फाइनल में जगह बना ली। इसके साथ ही देश के लिए चौथा मैडल भी पक्का कर लिया है। अब वह फाइनल में गोल्ड जीतने के इरादे से उतरने वाले हैं।
पहलवान रवि कुमार दहिया के फाइनल में पहुंचने के बाद सिल्वर मेडल तो पक्का हो चुका है। हालांकि शुरुआती मुकाबले में रवि कुमार दहिया पिछड़ गए थे। वह पहले 5-9 से पीछे चल रहे थे परंतु बाद में भारतीय पहलवान रवि दहिया को वापसी करने का अवसर प्राप्त हुआ क्योंकि रेसलिंग में यह लीड बहुत ज्यादा नहीं होती। यहां पर हर सेकंड के हिसाब से हालात बदलते रहते हैं।
आपको बता दें कि रवि कुमार के दांव से कजाकिस्तान के पहलवान थोड़े चोटिल हो गए थे। इसके बाद जैसे ही मैच दोबारा से शुरू हुआ, रवि दहिया ने कजाकिस्तान को बैकटर्न किया और 2 अंक हासिल किये। इसी दांव को पूरा करते हुए उनकी पीठ को जमीन से टच कर दिया। जब दहिया ने वापसी की तो उन्होंने अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे गिराने से जीतने में कामयाब साबित हुए। इसी के साथ 7-9 पर आकर रवि कुमार दहिया विजेता बन गए। उन्होंने अपने पहले ही ओलंपिक मैच में भारत के लिए फाइनल का टिकट कटा कर दूसरा सिल्वर या पहला गोल्ड मेडल पक्का कर लिया है।
आपको बता दें कि इससे पहले सुशील कुमार ने साल 2012 में लंदन ओलंपिक में फाइनल में अपना स्थान बनाकर रजत पदक जीतने में कामयाब हुए थे। रवि दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे। दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। रवि दहिया बेहद शानदार फॉर्म में नजर आ रहे थे। शुरू से ही उन्होंने बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव के खिलाफ दबाव बनाए रखा था।
आपको बता दें कि समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, टोक्यो ओलंपिक 2020 में सेमीफाइनल में प्रवेश के बाद पहलवान रवि कुमार दहिया के पिताजी राकेश दहिया ने यह कहा था कि “हमारा पूरा गांव और राज्य स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे हैं। वह दो-तीन साल के लिए एक छोटे से अखाड़े में ट्रेनिंग करते थे और फिर छत्रसाल स्टेडियम (दिल्ली) चले गए। हमारे गांव में उत्सव का माहौल बना हुआ है।” उनके पिताजी का कहना है कि अब देश को उनके गोल्ड लाने की उम्मीद है।
ओलंपिक इतिहास में अब तक भारत को मिले मेडल
रवि दहिया से पहले भारत के लिए रेसलिंग में सुशील कुमार ने (कांस्य पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008), रजत पदक, लंदन ओलंपिक (2012)” में जीता था, योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक लंदन ओलंपिक (2012) जीता, साक्षी मलिक कांस्य पदक रियो ओलंपिक (2016) में जीत चुके हैं।