जोधपुर में हुई अनोखी शादी, थाने में लगा मंडप और पुलिस ने किया कन्यादान, बच्चे बने बाराती
शादियों का सीजन चल रहा है और इन दिनों शादी से जुड़ी हुई बहुत से खबरें देखने और सुनने को मिल रही हैं। इसी बीच जोधपुर, राजस्थान में दो जोड़ों की बेहद एक अनोखी शादी का मामला सामने आया है। बैंड-बाजा और बाराती के साथ यह शादी महिला थाने के अंदर हुई है और सबसे ज्यादा खास बात इस शादी की यह है कि बारातियों में दोनों जोड़ों के बच्चे भी शामिल हुए थे। खाने में ही जोड़ों ने सात फेरे लिए और पुलिसकर्मियों ने कन्यादान किया। इन दिनों यह अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।
भले ही यह सुनने में थोड़ा अजीब सा लग रहा हो लेकिन झगड़े के बाद लोगों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस अब तलाक लेने तक पहुंच चुके जोड़ों को आपसी समझाइश से ना सिर्फ वापस मिला रही है बल्कि गाजे-बाजे के साथ उनका पुनर्विवाह भी करवा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा बताया जा रहा है कि जोधपुर के दईजर महिला पुलिस थाने में दो दंपतियों की शादी हुई है।
दोनों दंपतियों के बीच छोटा सा झगड़ा हुआ था लेकिन यह झगड़ा इतना बढ़ गया कि बात तलाक लेने तक पहुंच चुकी थी। जब यह मामला महिला थाने में पहुंचाता पुलिसकर्मियों ने काउंसलिंग की और दोनों दंपतियों को समझाया और फिर पुनर्विवाह करवा दिया।
पुलिस ने सुलझाया पारिवारिक झगड़े को
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अरटिया खुर्द और देवातड़ा के दो परिवारों ने साल 2015 में आमने-सामने में एक दूसरे के घरों पर अपनी अपनी बेटियां ब्याही थी। यानी यानी देवातड़ा के गिरधारीराम (30) पुत्र कंवराराम की शादी अरटिया खुर्द के जीवनराम की बेटी ऊषा (28) के साथ हुई थी। वहीं ऊषा के भाई विशनाराम की शादी गिरधारीराम की बहन धारू के साथ की गई थी।
लेकिन कुछ समय के पश्चात ही पारिवारिक झगड़े शुरू हो गए जिसके चलते दोनों परिवारों में दूरियां आ गई। एक साल पहले ऊषा व धारू अपने-अपने मायके लौट गईं। डेढ़ महीने पहले दोनों परिवारों ने भोपालगढ़ थाने में दहेज पड़ताना के परस्पर मामला दर्ज करवा दिया। इस मामले की जांच महिला पुलिस थाना ग्रामीण की स्थिति सीआई रेणु ठाकुर के पास आई तो उन्होंने लगातार दोनों परिवारों और दंपतियों को समझाया। बार-बार उनके द्वारा काउंसलिंग की गई। आखिर में बार-बार की गई काउंसलिंग रंग लाई।
बच्चे बने बाराती
दरअसल, पुलिस थाने में ही शादी का शामियाना सजा था। यहां एक नहीं दो-दो शादियां हुई। बाहर बैंड-बाजे के साथ नाचते-गाते बाराती थे, तो अंदर घराती बने पुलिसकर्मियों के साथ बारात को निहारती दुल्हनें। बारात जब द्वार पर पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने सारे रस्म निभाते हुए स्वागत किया। पुलिस थाने में हुई शादी में बाराती में दोनों जोड़ों के बच्चे शामिल हुए थे। जब बारात थाने पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने ही उनकी आरती उतारकर स्वागत किया। पुलिसकर्मियों ने ही दोनों जोड़ों का कन्यादान करवाया।
वहीं महिला पुलिस थाना प्रभारी रेणु ठाकुर के द्वारा ऐसा बताया गया कि ऊषा और धारू ने अपने अपने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के साथ अन्य धाराओं में केस दर्ज करवाया था। पहले वह ससुराल वालों के साथ में नहीं रहना चाहती थीं, बाद में काउंसलिंग की। समझाया गया, तो यह कोशिश रंग लाई। पुलिसकर्मियों ने दोनों जोड़ों की दोबारा शादी करवाकर जिंदगी की नए सिरे से शुरुआत करने का मौका दिया।