जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि इन दिनों यूक्रेन और रूस के बीच भयंकर युद्ध छिड़ा हुआ है. लेकिन अब इस युद्ध की दहशत भारत के उत्तर प्रदेश के हरदोई तक पहुंच गई है. दरअसल हरदोई की दो बेटियां यूक्रेन में शिक्षा प्राप्त करने के लिए गई हुई है. बता दे दोनों बेटियां यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए गई हुई है. यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से बेटियों के परिजनों में दहशत का माहौल बना हुआ है. हरदोई शहर के रेलवे गंज के रहने वाले डॉक्टर डीपी की बेटी अपेक्षा सिंह यूक्रेन के खरकी की शहर की नेशनल खरकी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है.
डॉ. डीपी सिंह का कहना है उन्होंने 2016 में अपनी बेटी का दाखिला यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में करवाया था. लेकिन अब डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने अपने परिवार को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है भगवान जैसा भी करेंगे सब अच्छा होगा. उन्होंने आगे बताया कि उनके दो बच्चे हैं दोनों बच्चों में से उनकी बेटी बड़ी है और उनका बेटा अविरल सिंह छोटा है जो कि दिल्ली में बायोटेक्नोलॉजिकल छात्र है. इसके अलावा डॉ डीपी ने अपनी बेटी के साथ हुई बातचीत का भी खुलासा किया.
गौरतलब है कि डॉक्टर ने बताया कि उनके परिवार की उनकी बेटी से दोपहर 2:00 बजे बात हुई थी तब उनकी बेटी मार्केट में थी. बेटी ने बताया कि इस समय यूक्रेन में इमरजेंसी के हालात हैं. यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन क्लासेज दी जा रही है. साथ में डॉक्टर ने इस बात का भी खुलासा किया कि अभी उनकी बेटी पूरी तरह से ठीक है और बेटी का 5 महीने का कोर्स अभी बाकी है 5 महीने पूरे होने के बाद उनकी बेटी को एमबीबीएस की डिग्री मिल जाएगी.
शायद यही कारण है कि डॉ. डीपी सिंह की बेटी का कहना है कि या तो अब वह डिग्री लेकर वापिस आएगी या फिर मर कर. क्योंकि बेटी का कहना है कि अगर वह वापस आ गई तो उसकी इतने साल की मेहनत बेकार हो जाएगी और डिग्री बीच में ही छूट जाएगी. जब की बेटी की डिग्री पूरी होने में महज 6 महीने का समय बाकी है. ख़बरों की माने तो अभी तक डॉक्टर डीपी की बेटी ठीक है और भारतीय एमबीसी ने उनके कागजात भी जमा करवा लिए हैं.
जानकारी के लिए बता दें अपेक्षा के अलावा भी यूक्रेन में भारत की एक और बेटी फंसी हुई है. गौरतलब है कि हरदोई सांडी ब्लाक के रहने वाले महेंद्र यादव जो कि पूर्व ब्लाक प्रमुख भी रह चुके हैं, उनकी बेटी वैशाली भी यूक्रेन में फंसी हुई है. वैशाली तेरा पुरसौली की वर्तमान में प्रधान है और वहां यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए गई हुई है और वह वहां फंसी हुई है लेकिन इनमें सबसे खुशी की बात यह भी है कि भारत की यह दोनों बेटियां अभी तक सकुशल है.