क्रिकेट भारत के इलावा अन्य सभी देशों में सबसे अधिक लोकप्रिय खेल है. ख़ास तौर पर आज की युवा पीढ़ी का यह सबसे पसंदीदा खेल माना गया है. जब भी इंडियन क्रिकेट टीम किसी विरोधी टीम के साथ खेलती है तो पूरा भारत एकजुट हो कर मैच देखता है और टीम की हौंसला अफजाही करता है. वहीँ क्रिकेट में अंपायर की भी सबसे अहम भूमिका रही है. क्यूंकि कोई भी खिलाडी तभी आउट होता है या फिर स्कोर बनाता है, जब कोई अंपायर एग्री करता है. वैसे तो दुनिया में ढेरों अंपायर हैं लेकिन बेस्ट अंपायर की लिस्ट में साइमन टॉफेल का नाम सबसे पहले आता है. इन्होने साल 2004 से लेकर 2008 तक लगातार पांच बार आईसीसी अंपायर ऑफ़ द इयर अवार्ड जीता था.
साल 2012 में साइमन टॉफेल ने रिटायरमेंट ले लिया था. लेकिन कई बार सर्वश्रेष्ठ लोगों का फैसला भी गलत साबित हो सकता है. ख़ास तौर पर सचिन तेंदुलकर को लेकर अंपायर टॉफेल ने हाल ही में अपना बयान सामने रखा है. उन्होंने 8 साल बाद एक शो के दौरान इस बात को स्वीकार किया है कि उनसे कईं बार सचिन को गलत आउट देने की गलती हुई है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी सचिन हमेशा शांत रहे और कभी गेम के दौरान उनसे नाराज़गी नहीं जताई.
एक पॉपुलर शो में बातचीत के दौरान अंपायर टॉफेल ने बताया कि, “साल 2007 में भारत और इंग्लैंड के बीच ट्रेंट ब्रिज टेस्ट चल रहा था. ऐसे में सचिन ने 91 रन बना लिए थे और अभी भी बल्लेबाजी कर रहे थे. पॉल कालिंगवुड ने गेंद फेंकी और मैंने ऊँगली उठा कर उसे आउट बता दिया. सचिन मेरे फैसले से नाखुश थे और कुछ संत तक तो वहीँ पिच पर खड़े रहे. बाद में बॉल- ट्रैकिंग को बिग स्क्रीन पर दिखाया तो उसमे गेंद ऑफ स्टंप से बहुत दूर नज़र आई.”
आगे टॉफेल ने कहा, “मैं तब समझ चुका था कि मैंने फैसला लेने में गड़बड़ कर दी है. मैं जानता था कि विश्व क्रिकेट संगठन द्वारा बाद में मुझे इस गलती पर प्रतिक्रिया दी जाएगी. इसके बाद ना तो मैंने अख़बार देखा और न क्रिकेट न्यूज़. मैं जानता था मीडिया मुझे अपने निशाने पर रखेगी.” इसके बाद टॉफेल ने बताया कि जब वह अगले दिन मैच के दौरान सचिन के सामने गए तो सचिन ने उन्हें पूरी तरह से सम्मान दिया और रिश्ते में किसी तरह की कडवाहट नहीं आने दी थी.
साइमन टॉफेल ने सचिन को अगले दिन कहा, “देखो मैं जानता हूँ कल मैंने गलत फैसला लिया है.” इस बात पर सचिन ने उन्हें जवाब दिया कि, “आप बहुत अच्छे अंपायर हैं और इस बात की चिंता ना करें. ” साइमन के अनुसार यह सब सचिन ने उनसे बेहतर फील करवाने के लिए नहीं बोला था बल्कि वह अपनी तरफ से मैदान में अच्छा करने का प्रयास करना चाहते थे. लेकिन साइमन भी अपनी गलती स्वीकार करके उसे भविष्य में सुधारना चाहते थे.