शादी के बंधन को पूरे संसार में बहुत पवित्र माना गया है। शादी का यह पवित्र बंधन एक महिला और पुरुष के बीच बनता है। पूरे संसार के लिए शादी बहुत जरूरी है, क्योंकि शादी के बंधन से ही यह संसार आगे बढ़ता है। मतलब यह है कि जब पुरुष और महिला विवाह के बंधन में बंध जाते हैं, तो एक नए परिवार का जन्म होता है। हर कोई अपनी शादी को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। इसी वजह से लोग अपनी शादी के कई दिनों पहले ही तैयारियों में जुट जाते हैं।
वहीं सोशल मीडिया पर भी शादियों से जुड़ी हुई तस्वीरें और वीडियो अक्सर वायरल होती रहती हैं, जिनमें से कुछ वीडियो इतनी मजेदार होती हैं, कि देखते ही देखते वायरल हो जाती हैं। दूल्हा और दुल्हन की ग्रैंड एंट्री, तो उन्हें सुर्खियों में ला देती है। इसी बीच राजस्थान के बारां जिले में एक शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। दुल्हन का बिंदास अंदाज देखकर वहां मौजूद गेस्ट चाह कर भी नजरें नहीं हटा पाए। इसके पीछे की वजह थी वरमाला के समय दुल्हन की अनोखी एंट्री।
जी हां, दुल्हन खुद बुलेट चलाकर वरमाला डालने के लिए पहुंची। इस दौरान दुल्हन ने खुद इलेक्ट्रिक आतिशबाजी भी की। दुल्हन की एंट्री के पलों को लोग कैमरे में कैद करते हुए नजर आए। इसके बाद रीति रिवाज के साथ दुल्हन स्टेज पर पहुंची और वरमाला की रस्म अदा की। इस शादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं।
दरअसल, छबड़ा के चंद्रशेखर कॉलोनी के रहने वाले गोविंद जांगिड़ की 21 वर्षीय बेटी कामेक्षा की शादी छबड़ा के ही धन्ना नगर के रहने वाले सुनील जांगिड़ से हुई है। शादी से पहले 8 तारीख को बिंदोरी निकाली गई। इसमें दूल्हा अपने घर से घोड़ी पर सवार होकर आधा किलोमीटर दूर दुल्हन के घर पहुंचा। कामेक्षा भी अपनी बिंदोरी से घोड़ी पर सवार हो गई। दुल्हन के घर के बाहर से दूल्हा और दुल्हन दोनों ही घोड़ी पर सवार होकर अहिंसा सर्किल तक बिंदोरी निकाली गई। इसमें दोनों ही परिवारों के लोग शामिल हुए, जो नाचते गाते हुए चल रहे थे। पूरे छबड़ा में इस बिंदोरी की चर्चा हो रही है।
बाइक चलाने का शौक इसलिए बुलेट से पहुंची
आपको बता दें कि कामेक्षा की शादी सुनील नाम के लड़के से हो रही थी। कामेक्षा के पिता गोविंद जांगिड़ पेशे से शिक्षक हैं और उनके कोई पुत्र नहीं है। ऐसे में वह बेटों की तरह ही बेटी की शादी करना चाहते थे। इसलिए 8 दिसंबर को उन्होंने दुल्हन और दूल्हे की एक साथ बिंदोरी निकलवाई। दूल्हा और दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर काला चश्मा लगाए कुछ अलग ही अंदाज में नजर आ रहे थे। बैंड बाजे के साथ शाही अंदाज में बारात निकाली गई थी।
दुल्हन के परिवार का कहना है कि वह बाइक चलाने की शौकीन है. उसकी शुरू से इच्छा थी कि शादी में कुछ हटकर किया जाए। उन्होंने कहा कि जब उसकी शादी तय हुई तो उसने कहा था कि वह बुलेट पर ही वरमाला के लिए जाएगी। कामेक्षा ने बताया कि जब शादी तय हो गई तो उसकी इच्छा थी कि शादी में कुछ अलग हटकर हो इसलिए दूल्हे और दुल्हन दोनों की बिंदोरी एक साथ घोड़ी से निकली। वरमाला के लिए बुलेट से गई।
गोविंद जांगिड़ का कहना है कि पुत्रों की तरह ही उन्होंने बेटियों की भी परवरिश की है और वह दोनों को समान दर्जा देना चाहते हैं। बात दें उन्होंने इससे पहले भी अपनी दूसरी पुत्री चंचल की बिंदौरी निकाल कर समाज को अलग संदेश देने की कोशिश की थी।