दूल्हे ने दहेज में मिले 1.5 लाख रुपए लौटाए, शगुन में एक रुपए और एक नारियल लेकर रचाई शादी, सभी ने की जमकर तारीफ
दहेज प्रथा की वजह से माता-पिता अपनी बेटियों को बोझ समझने लगे। आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जो बेटियों से ज्यादा बेटों की चाहत रखते हैं। जब भी किसी गरीब या मध्यवर्गीय परिवार में बेटी का जन्म होता है, तो माता-पिता बहुत ज्यादा चिंतित हो जाते हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता अपनी बेटी के दहेज की रहती है। वैसे देखा जाए तो भारतीय समाज में सदियों से दहेज एक भयानक बीमारी की तरह फैल रही है। अक्सर कई मामलों में लड़के वालों की तरफ से दहेज की भारी मांग होती है। वहीं कई जगह लड़की वाले अपनी प्रतिष्ठा समझकर भी दहेज देते हैं।
अक्सर ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं, जिसमें लोग दहेज के लिए एक-एक रुपए के लिए लड़ते झगड़ते रहते हैं। बेटी की शादी में लड़की पक्ष वालों से दहेज लेने की कुप्रथा समाज के लिए एक अभिशाप बन चुकी है। दहेज के नाम पर उत्पीड़न की खबरें आए दिन आती रहती हैं परंतु इस समाज में सभी लोग एक जैसे नहीं हैं। समाज में ऐसे भी लोग हैं, जो दूसरों के लिए मिसाल बने हुए हैं। इसी बीच आज हम आपको धनबाद की एक शादी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें दूल्हे ने बिना दहेज की शादी की है। हर कोई दूल्हे की तारीफ कर रहा है।
शगुन में एक रुपए और एक नारियल लेकर रचाई शादी
दरअसल, आज हम आपको जिस खबर के बारे में बता रहे हैं यह धनबाद से सामने आया है। यहां कोयलांचल में भूली ब्लॉक ए निवासी राजू बाल्मीकि के बेटे आकाश बाल्मीकि ने आदर्श विवाह करके समाज को बेहतर संदेश देने का कार्य किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दूल्हे की यह इच्छा थी कि वह बिना दहेज के शादी करेगा। आकाश के इस फैसले पर उनके माता-पिता ने भी उनका समर्थन किया और परिवार ने जिसे सच कर दिखाया। आकाश ने शगुन में मात्र एक रुपए और नारियल लेकर शादी रचाई। अब यह शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।
आपको बता दें कि आकाश ने रांची के बाल्मीकि कॉलोनी में रहने वाली लालाराम लोहरा की बेटी मुस्कान से शादी रचाई। शादी के दौरान लड़की वालों ने 1.5 लाख का चेक और कुछ सामान दहेज के रूप में दिया था लेकिन आकाश और उनके परिवार ने वापस लौटा दिया। पहले तो लड़की के पिता यह सब देखकर काफी असमंजस में पड़ गए थे।
दुल्हन के पिता मन में इस बात का डर सता रहा था कि कहीं उनसे कोई गलती तो नहीं हो गई है। लेकिन जब आकाश ने अपने फैसले के बारे में लड़की पक्ष को बताया तब जाकर उन्हें इत्मीनान हुआ। आकाश के इस फैसले से लड़की पक्ष के दिल में उनके और उनके परिवार के लिए सम्मान और अधिक बढ़ गया। उनके इस सराहनीय फैसले की सभी ने जमकर तारीफ की। शगुन में एक रुपए और एक नारियल लेकर मुस्कान को अपनी बहु के रूप में स्वीकार कर आकाश और उनके परिवार ने समाज को एक बेहतर पैगाम दिया है।
बता दें रांची के बाल्मीकि नगर में मुस्कान पहली ऐसी लड़की हैं, जिनकी बिना दहेज की शादी हुई है। दुल्हन मुस्कान ने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि बिना दहेज की उसकी शादी होगी। जब मुस्कान को यह बात पता चली तो उसे बहुत ज्यादा खुशी हुई। मुस्कान ने कहा कि ऐसा पति और ससुराल पाकर वह खुद को भाग्यशाली मानती है।