पति से तलाक, डिप्रेशन और कई कठिनाइयों के बावजूद UPSC में 177वां रैंक ले आईं, ऐसी है शिवांगी गोयल के संघर्ष की कहानी

दुनिया में हर कोई अपने जीवन में बड़ी सफलता पाने की चाहत रखता है परंतु सफलता किसी को भी इतनी आसानी से नहीं मिलती है। कामयाबी पाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करना पड़ता है। आजकल के समय में देखा गया है कि हर कोई आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखता है लेकिन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा मानी जाती है। इस परीक्षा की तैयारी करना अभ्यार्थी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होता है। इस परीक्षा की तैयारी हर साल लाखों लोग करते हैं परंतु उनमें से कुछ एक ही होते हैं जिन्हें इस परीक्षा में सफलता मिल पाती है।

सालों के प्रयास के बावजूद भी लाखों लोगों को कामयाबी नहीं मिल पाती है। असफलता की वजह से ज्यादातर लोग हार मान जाते हैं और अपनी तैयारी छोड़ देते हैं परंतु कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं, जो असफल होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारते हैं और अपना प्रयास जारी रखते हैं। आखिर में जीवन की हर कठिनाइयों को पार करते हुए वह इस कठिन परीक्षा को पास कर लेते हैं। इसी बीच आज हम आपको यूपीएससी की परीक्षा में 177 वीं रैंक लाने वाली शिवांगी गोयल के संघर्ष की कहानी बताने वाले हैं।

शिवांगी गोयल का जीवन बेहद दुख भरा रहा है। उनके लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना इतना आसान नहीं था। उन्होंने अपने जीवन में इतनी कठिनाइयां झेली हैं कि कोई भी टूट जाए। परंतु उन्होंने किसी भी कठिनाई के आगे हिम्मत नहीं हारी, हर कठिनाई का डटकर सामना करते हुए शिवांगी गोयल ने यूपीएससी की परीक्षा में 177 वीं रैंक हासिल कर अपने जिले का ही नहीं बल्कि अपने माता-पिता का भी नाम रोशन किया है।

सिविल सर्विस में हासिल की 177 रैंक

आपको बता दें कि शिवांगी गोयल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली हैं। उनके पिता राजेश गोयल एक व्यापारी है और मां गृहणी हैं। शिवांगी गोयल ने एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि जब वह स्कूल में थी तो उनकी प्रिंसिपल ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी को कहा था तभी से शिवांगी का आईएएस बनने का सपना था। हालांकि, यह कामयाबी उन्हें काफी संघर्ष के बाद हासिल हुई है।

यूपीएससी की परीक्षा में 177वीं रैंक हासिल करने वाली शिवांगी गोयल के चर्चे आज पूरे भारत में हो रहे हैं। भारत की महिलाओं के लिए शिवांगी गोयल आज एक मिसाल के रूप में नजर आ रही हैं। आज हम आपको शिवांगी गोयल की निजी जिंदगी की कठिनाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं। उन्होंने कितनी कठिनाइयों का सामना करते हुए आज इस मुकाम को हासिल किया है।

ससुराल में हुईं घरेलू हिंसा का शिकार

बता दें कि शिवांगी गोयल दो बार परीक्षाएं भी दे चुकी हैं लेकिन उनको सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने शादी से पहले ही बता दिया था कि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं। दो बार नाकामयाबी हाथ लगने के बाद शिवांगी गोयल के परिवार वालों ने उनकी शादी करा दी लेकिन उनकी शादी कुछ खास नहीं चल पाई। शादी के कुछ सालों बाद ही शिवांगी गोयल के ससुराल वाले उनके साथ दुर्व्यवहार करने लगे। बात इतनी बढ़ गई थी कि मामला तलाक तक पहुंच गया था।

शादी के बाद घरेलू हिंसा की वजह से वह अपनी 7 साल की बेटी के साथ मायके वापस आ गईं। उनका अपने पति से तलाक का केस भी चल रहा है। इस दौरान शिवांगी के पिता ने उनका भरपूर सहयोग किया और पढ़ाई के लिए भी प्रोत्साहित किया।

सेल्फ स्टडी से पाई सफलता

शिवांगी ने कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 177वीं रैंक हासिल की है। यह सफलता उन्हें तीसरे प्रयास में मिली है। यूपीएससी की तैयारी करने के लिए उन्होंने कोचिंग की जगह सेल्फ स्टडी करने का निर्णय लिया। शिवांगी अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और बेटी को देती हैं।