बिना किसी कोचिंग के बर्तन बेचने वाले की बेटी बनी IAS, जानिए इनकी सक्सेस स्टोरी
वर्ष 2017 में उत्तराखंड यूपीएससी टॉपर नमामि बंसल की स्टोरी बहुत ही मोटिवेशनल है. दरअसल लाजपत राय मार्ग ऋषिकेश के रहनै वाले राज कुमार बंसल यानि नमामि बंसल के पापा को एक दिन फोन आ गया कि उनकी बेटी आईएएस एग्जाम में सफल हो गई. यह सुनकर उनके पिता खुशी से झूम गए. राज कुमार बंसल की ऋषिकेश में एक बर्तन की दुकान है नमामि ने अपनी शुरूआती स्तर से लेकर इंटर तक की पढाई एनडीएस गुमानीवाला से की है. उन्होंने दसवीं के परीक्षा में 92.4 और इंटर के परीक्षा में 94.8 अंक पा कर स्कूल और अपने माँ बाप का नाम रोशन किया.
Namami Bansal IAS appointed Assistant Secretary- Empowerment of Persons, GoI – https://t.co/o9D7LUNZdS pic.twitter.com/lS88Nnl9Sf
— Indian Bureaucracy (@INDBureaucracy) June 22, 2019
बता दे कि नमामि दिल्ली में सेंट्रल डिप्यूटेशन पर कार्य कर रही है. नमामि ने बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स लेडी श्री राम कॉलेज दिल्ली व एमए ओपन यूनिवर्सिटी हल्द्वानी से अर्थशास्त्र में पूरी की. नमामि एमए में ओपन यूनिवरसिटी की टॉपर रही इनको राज्यपाल केके पॉल ने 17 अप्रैल 2017 में गोल्ड मेडल से नवाजा. नमामि कहती है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने किसी भी किसी तरह का कोचिंग नहीं ली. उन्होंने अपने विषयों की तैयारी नेट के द्वारा की, और परीक्षा को पास कर लिया.
उन्होंने बताया कि नेट पर सारी जानकारियां उपलब्ध हैं, जिससे हम लोग सहायता ले सकते है, और अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते है. उन्होंने यह भी बताया कि वह गर्ल चाइल्ड एजुकेशन के साथ ही पहाड़ों से होने वाले पलायन को रोकने के लिए काम करना चाहती है. नमामि की माता ने कहा कि यह हमारी जिंदगी का सबसे गर्व का दिन है, साथ ही साथ उनकी मां ने कहा कि उनकी बेटी नमामि अपनी पढ़ाई व तैयारी के साथ घर के सभी कामों में उनका साथ देती थी.
Appeal to people of Roorkee #StayinonSunday #StaySafe
Each day is a battle against #Corona pic.twitter.com/OacP3Wsikv— Namami Bansal IAS (@Namami_IAS) March 22, 2020
दरअसल नमामि बंसल ने आईएएस अधिकारी कैडर के लिए पहली चाॅइस अपना राज्य उत्तराखंड सिलेक्ट किया और दूसरा विकल्प राजस्थान चुना था. इन दोनों राज्यों को चुनने के पीछे की कारण है कि इन दोनों ही राज्यों में नमामि की पसंद के कई मुददे जिन पर वो अधिकारी के रूप में काम करना चाहती थी. नमामि के मुताबिक उत्तराखंड उनका राज्य है, यहां की समस्याओं और संसाधनों से वो अच्छी तरह से परिचित है. इसलिए आईएएस अधिकारी के रूप में उनकी पहली चाॅइस अपना राज्य है.
हालाँकि वे आगे वो कहती है कि उत्तराखंड पर्यावरण के हिसाब से संवेदनशील जगह है. उत्तराखंड ने पर्यावरण से छेड़छाड़ का परिणाम भुगता है. कई आपदाएं इसका उदाहरण हैं परंतु यह भी है कि हमें विकास कार्यक्रमों को भी करना है. इसलिए विकास और पर्यावरण के बीच हमें संतुलन रखना होगा नमामि ने कहा कि उनका दूसरा मुद्दा गर्ल चाइल्ड एजुकेशन के क्षेत्र में काम करना है और वह पूरी ईमानदारी से अपने इस काम पर ध्यान दे रही है.