शनिदेव इन 7 लोगों पर डालते हैं अपनी वक्र दृष्टि, जानिए किनको भुगतना पड़ता है शनि का दंड
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। यह हमेशा मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। इस संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ता है परंतु ऐसा नहीं है कि शनि देव हमेशा व्यक्ति को परेशान ही करते हैं। अगर शनिदेव किसी व्यक्ति से प्रसन्न हो जाएं तो उस व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति करता है तो उसके ऊपर शनि का प्रकोप नहीं पड़ता है। हनुमान जी के आगे शनिदेव की बिल्कुल भी नहीं चलती है। शनिदेव ने महाबली हनुमान जी को वचन दिया था कि वह हनुमान भक्तों को सदा क्षमा करते रहेंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का चाल-चलन ठीक है तो शनि के प्रकोप के बाद भी उस व्यक्ति का जीवन ठीक प्रकार से व्यतीत होता है। शनि देव मनुष्य के कर्मों के आधार पर ही यह निर्धारित करते हैं कि व्यक्ति को खुशहाल कर दिया जाए या नहीं? आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे व्यक्तियों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिनके द्वारा अगर कुछ कार्य किए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में शनि देव के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। जो लोग निम्नलिखित कामों को नहीं करते हैं, वह शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैया से बच पाते हैं।
आइए जानते हैं किन लोगों पर शनिदेव डालते हैं अपनी वक्र दृष्टि
1. अगर कोई व्यक्ति ब्याज का धंधा करता है तो उसको एक ना एक दिन शनि की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। अगर उनके ऊपर शनि की तिरछी नजर पड़ती है तो समझिए उस व्यक्ति की बर्बादी का समय शुरू हो जाएगा।
2. अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला से संबंध रखता है तो ऐसे में उस व्यक्ति के ऊपर निश्चित ही एक दिन शनिदेव की वक्री दृष्टि पड़ती है, जिसके कारण जीवन में बहुत सी परेशानियां खड़ी होने लगती हैं।
3. अगर कोई व्यक्ति गरीब-निर्धन लोगों, सफाई कर्मचारी, विधवा, अबला, दिव्यांग आदि को सताता है या फिर उनका अपमान करता है तो उसको शनिदेव का दंड भुगतना पड़ता है।
4. अगर कोई व्यक्ति रोजाना नियमित रूप से शराब का सेवन करता है, खासकर मंगलवार, गुरुवार, शनिवार, प्रदोष काल, एकादशी, चतुर्थी, अमावस्या, पूर्णिमा के दिन शराब का सेवन करता है तो बहुत ही जल्द उसके ऊपर शनि की वक्र दृष्टि पड़ जाती है।
5. अगर कोई व्यक्ति जो जुआ या सट्टा खेलता है तो उसके जीवन में शनि के प्रकोप की वजह से घटना या दुर्घटना के योग बढ़ जाते हैं।
6. जो लोग धर्म, देवता, गुरु, पिता और मंदिर का अपमान करते हैं और किसी भी रूप से उनका मजाक उड़ाते हैं तो उनको शनिदेव के दंड का सामना करना पड़ता है।
7. अगर कोई व्यक्ति निर्दोष लोगों को सताता है, झूठी गवाही देता है, अगर किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करता है, चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करता है तो उनको शनि की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सांप, कुत्ते, कौवा को सताना, भैंसों को मारना आदि जैसे काम करता है तो ऐसे लोगों को शनि के प्रकोप से गुजरना पड़ता है।