रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ चुकी है। दुनिया में एक बार फिर दो देशों के बीच जंग देखने को मिल रही है। यूक्रेन पर रूस लगातार एक के बाद एक हमला किए जा रहा है। इन हमलों की वजह से यूक्रेन में तबाही मची हुई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की रूसी हमले का डटकर सामना कर रहे हैं लेकिन रूस के लिए यूक्रेन के खिलाफ जंग इतनी आसान नहीं होने वाली है।
खुफिया सूत्रों का ऐसा दावा है कि यूक्रेन के साथ व्लादिमीर पुतिन का युद्ध क्रेमलिन के अति आत्मविश्वास और खराब सामरिक योजना की भेंट चढ़ जाएगा। इन सबके अलावा अपने देश के अस्तित्व के लिए लड़ने वाले यूक्रेनियन जवान डटकर रूस का सामना कर रहे हैं।
बहादुर यूक्रेनियन जवान रूस के आगे इतनी आसानी से घुटने टेकने को तैयार नहीं है। रूस के हमलों का वह डटकर सामना कर रहे हैं और उसका जवाब दे रहे हैं। एक वीडियो शनिवार के दिन सामने आया था जिसमें यूक्रेन की सेना ने कथित तौर पर राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए बढ़ रहे रूसी वाहनों को सफलतापूर्वक खदेड़ने में कामयाब रहे।
जो वीडियो सामने आया उसमें यूक्रेन के दक्षिण में खेरसॉन के पास जेड-चिह्न वाले तबाह हो चुके रूसी काफिले को भी दिखाया गया है। वहीं यूक्रेन के रक्षा मंत्री के द्वारा यह बताया गया है कि अब तक रूस के लगभग 2800 सैनिक, 80 टैंक, 516 बख्तरबंद वाहन और 10 हवाई जहाजों और 7 हेलीकॉप्टर मार गिराए हैं।
डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने यह बताया कि रूस को यूक्रेन पर अपने आक्रमण में अपेक्षा से अधिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी के द्वारा ऐसा कहा गया कि कीव पर बढ़त हासिल करने के साथ ही रूस ने इस लड़ाई में कुछ गति खो दी है। वही यूरोपियन देश एस्टोनिया के पूर्व रक्षा प्रमुख रिहो टेरास का ऐसा दावा है कि पुतिन का युद्ध योजना के अनुसार नहीं चल रहा है क्योंकि रूस की पूंजी और हथियार तेजी से खत्म हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन ने 10 और दिनों तक कीव को रूस से बचाए रखा तो पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ वार्ता के लिए विवश होना पड़ेगा। इसके साथ ही यूक्रेन के खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए टेरास ने दावा किया कि इस युद्ध से रूस को प्रतिदिन 15 बिलियन पाउंड (करीब 15 खरब रुपये) खर्च करने पड़ रहे हैं और रूस के पास तीन से चार दिन के ही रॉकेट बचे हैं और वह उनका इस्तेमाल बेधड़क कर रहा है।
टेरास ने यह भी आरोप लगाया कि 18 फरवरी से रूसी विशेष अभियान कीव के पास हैं, और उन्होंने राजधानी को तेजी से जब्त करने और कठपुतली शासन स्थापित करने की योजना बनाई थी। बता दें कि पुतिन ने कथित तौर पर उराल माउंटेंस में रूस के कुलीन वर्ग के साथ एक बंकर में बैठक की थी। दावा किया जा रहा है यहां पुतिन ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि युद्ध आसान होगा और सब कुछ एक से चार दिन के अंदर निपट जाएगा।
आपको बता दें कि यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री ने यह कहा कि रुसी हमले में 198 लोग मारे गए हैं और 1000 से अधिक घायल हुए हैं। विक्टर ल्याशको का ऐसा कहना है कि मारे गए लोगों में 3 बच्चे भी शामिल थे। हालांकि उनके बयान से यह स्पष्ट नहीं था कि हताहतों में सैन्य और नागरिक शामिल थे या नहीं। उनके द्वारा ऐसा कहा गया कि रूसी आक्रमण में घायल हुए लोगों में 33 बच्चों सहित अन्य 1115 लोग हैं।
वहीं रूसी रक्षा मंत्री के प्रवक्ता मेजर जनरल गोर कोनाशेनकोव ने शनिवार को ऐसा दावा किया कि मॉस्को के हमले की शुरुआत के बाद से उसकी सेना ने 821 यूक्रेनी सैन्य सुविधाओं, 87 टैंकों और अन्य ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने यह नहीं बताया कि यूक्रेनी सैनिक मारे गए और रूसी पक्ष में किसी के हताहत होने का उल्लेख भी नहीं किया है। वैसे दोनों देशों के किसी भी दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है।