यूक्रेन पर रूस ने आखिर क्यों किया हमला? क्या चाहते हैं पुतिन? जानें विस्तार से…
पिछले कुछ महीनों से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव का माहौल देखने को मिल रहा था। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भी पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन पर हमले की योजना से इंकार कर रहे थे परंतु आखिरकार उन्होंने रूसी सेना को यूक्रेन के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन की हरी झंडी दे दी। रूस के राष्ट्रपति का आदेश मिलते ही रुसी सेनाओं ने हमला बोल दिया। यूक्रेन के कई शहरों में धमाके हुए। यूक्रेन में कई लोगों की जान चली गई। वहीं लोगों के घायल होने की खबरें भी लगातार सामने आ रही हैं।
अब रूस और यूक्रेन के बीच का विवाद एक युद्ध का रूप ले चुका है। इन दोनों देशों के अलावा यूरोप और अमेरिका पर भी पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। लेकिन क्या आपको इसके पीछे की असल वजह पता है कि आखिर रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया? आखिर इसके पीछे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का क्या मकसद है? अगर आप यह नहीं जानते हैं, तो आज हम आपको इस विषय में बताएंगे।
सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि रूस के विघटन के बाद जो देश अलग हुए थे उनमें यूक्रेन भी एक था। उस समय के दौरान रूस के साथ में क्रीमिया भी था, जिसको साल 2014 में रूस ने आजाद कर अपने कब्जे में ले लिया था। इसके अलावा यूक्रेन के डोनबास, लुहांस्क और डोनेस्तक में रूसी समर्थकों बहुसंख्यक हैं।
अगर यूक्रेन के बाहर की बात की जाए तो बेलारूस, जार्जिया पूरी तरह से रूस के साथ है। इसका मतलब यह हुआ कि यूक्रेन रूस से पूरी तरह से घिरा हुआ है। चलिए अब रूस को यूक्रेन पर हमले का कदम क्यों उठाना पड़ा है इसके पीछे की वजह के बारे में बात कर लेते हैं।
अगर हम पहली वजह देखें तो अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को नाटो संगठन में शामिल करने की कवायद है। 30 देश अमेरिका वर्चस्व वाले इस संगठन में शामिल हैं, जिसमें से ज्यादातर यूरोप के हैं। हालांकि उसमें सबसे ज्यादा जवान अमेरिका के ही हैं। अमेरिका के द्वारा लगातार इस तरह की कवायद करते रहने का कारण पुराने विवाद हैं।
अमेरिका ने पहले से ही रूस पर प्रतिबंध लगाया उसके बाद दबाव में लाने का कवायद अमेरिका के द्वारा किया गया था। हालांकि उसकी यह चाल अब तक नाकाम ही साबित हुई है। अब वह यूक्रेन के सहारे इस काम को अंजाम देना चाहता है। अगर यूक्रेन नाटो के साथ चला जाता है तो उसकी सेना और उसके हथियारों के दम पर अमेरिका उसको नुकसान पहुंचाने में आंशिक रूप से कामयाब हो सकता है, जो रूस के लिए सबसे बड़ी चिंता की वजह बना हुआ है।
अगर हम इस हमले की दूसरी वजह के बारे में जानें तो अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में दूसरे देशों का नार्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन पर रोक लगाना भी इसमें शामिल है। बता दें कि रूस के द्वारा इस परियोजना पर अरबों डालर खर्च किए जा चुके हैं। रूस यह चाहता है कि वह इसके माध्यम से फ्रांस, जर्मनी समेत समूचे यूरोप में गैस और तेल की सप्लाई करे। इससे पहले यूक्रेन से ही पाइपलाइन के माध्यम से सप्लाई होती थी। इसके लिए रूस हर साल लाखों डॉलर यूक्रेन को देता था। अगर नई पाइपलाइन बन जाती है तो ऐसी स्थिति में यूक्रेन की कमाई भी बंद हो जाएगी।
अगर हम तीसरी वजह के बारे में बात करें तो यूक्रेन किसी भी तरह से अमेरिका के साथ जाए, यह रूस नहीं चाहता है। आखिर ऐसा रूस क्यों चाहता है? इसके पीछे भी एक बड़ी वजह है। वह वजह यह है कि रूस का यूक्रेन से भावनात्मक रिश्ता है। यूक्रेन की धरती से ही रूस की नींव रखी गई थी। रूस की पहचान यूराल पर्वतश्रंख्ला भी यूक्रेन से ही होकर गुजरती है।
बता दें काफी लंबे समय से अमेरिका और रूस के बीच विवाद चल रहा है। शीत युद्ध के पश्चात भी स्थितियों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ यह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि रूस एक शक्तिशाली देश है। आखिर रूस की मंशा क्या है? उसका मान कायम रहे और उसको बदनाम ना किया जाए, बस रूस सिर्फ इतना ही चाहता है।