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सुहागिन औरतें क्यों पहनती हैं पैर की उंगलियों में बिछिया? बेहद महत्वपूर्ण है इसकी वजह, जानिए

हम सभी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि महिलाओं के सोलह श्रृंगार करने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है। मगर जब भी सोलह श्रृंगार की बात होती है, तो सिर से लेकर पांव तक पहने जाने वाले आभूषण भी इसमें शामिल किए जाते हैं। उन्हीं में से एक गहना “बिछिया” है। हम सभी लोग सुहागिन महिलाओं को पैर की उंगलियों में बिछिया पहनते हुए देखते हैं। अंग्रेजी में बिछिया को “टो रिंग” कहा जाता है।

बिछिया शादीशुदा महिलाओं के सुहाग की निशानी होती है, जिसको महिलाएं अपने पैर की उंगलियों में पहनती हैं। आमतौर पर बिछिया को पैर की दूसरी उंगली यानी अंगूठे की बगल वाली उंगली में पहना जाता है। लेकिन कई औरतें ऐसी भी हैं जो अंगूठे में भी बिछिया पहनती हैं। आजकल के समय में जब समाज विकसित हो रहा है तो कई औरतें बिछिया को दखियानूसी विचारधारा उपज मानती हैं।

लेकिन उन महिलाओं को इस बात की जानकारी नहीं है कि बिछिया सिर्फ मान्यताओं या रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए नहीं पहना जाता हैं। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं, जिसे जान लेना हर महिला के लिए बहुत ही आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं आखिर सुहागिन महिलाएं पैर की उंगलियों में बिछिया क्यों पहनती हैं

बिछिया पहनने से औरतों का स्वास्थ्य रहता है ठीक

आपको बता दें कि बिछिया पहनने से महिलाओं की स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कई समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं। बिछिया पहनने से कई स्वास्थ्य संबंधित फायदे होते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर महिलाएं पैर की दूसरी उंगली में बिछिया पहनती हैं, तो उन्हें बहुत फायदा होता है क्योंकि पैर की दूसरी उंगली की नसें सीधे हृदय और महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी रहती हैं।

जब इस उंगली पर बिछिया से दबाव पड़ता है तो नसें भी दबती हैं, जिससे नसों में खून का संचार सुचारू ढंग से चलता रहता है। बिछिया एक प्रकार से एक्यूप्रेशर का कार्य करती है। इससे औरतों का ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है और यूट्रस तक जाने वाला खून भी सही ढंग से बहता रहता है।

ऐसे में जब महिलाओं की महामारी होती है तो उस समय के दौरान जो समस्याएं पैदा होती हैं, उनसे छुटकारा मिल जाता है। जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स जैसी शिकायत अधिक रहती है, तो उनको बिछिया जरूर पहनना चाहिए। यह उनके लिए अच्छा साबित होता है।

औरतें चांदी की ही क्यों पहनती हैं बिछिया

आप सभी लोगों ने यह देखा होगा कि सुहागिन महिलाएं हमेशा चांदी की ही बिछिया पहनती हैं। किसी भी महिला को आपने सोने की बिछिया पहनते हुए नहीं देखा होगा। इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि सोने को देवी माता लक्ष्मी जी का रूप माना जाता है। अगर कमर के नीचे औरतें सोना पहनती हैं तो इससे देवी लक्ष्मी जी का अपमान माना जाता है। इसी वजह से महिलाएं कमर के नीचे सोने से बना कोई भी आभूषण नहीं पहनती है।

वहीं अगर हम चांदी की बात करें तो सिल्वर को विद्युत का सुचालक माना जाता है। चांदी, धरती की पोलर ऊर्जाओं को सोखकर हमारे शरीर में पहुंचाती है। इस तरह इस ऊर्जा का हमारे पूरे शरीर में संचार होता है। इसी वजह से पैरों में हमेशा चांदी की बिछिया पहनी जाती है।

 

 

 

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