वैलेंटाइन डे पर पत्नी ने अपनी किडनी देकर बचाई पति की जान, पेश किया प्यार और समर्पण का उदाहरण
प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है, जो सिर्फ प्यार करने वाला ही समझ सकता है। प्यार करने वाले अपने प्यार को पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। प्यार में साथ जीने-मरने की कसमें तो सभी खाते हैं परंतु कुछ ही लोग ऐसे होते हैं, जो अपने प्यार की जिंदगी बचाने के लिए अपना जीवन भी दांव पर लगा दें। इसी बीच प्रेम दिवस यानी वैलेंटाइन डे पर हम आप ऐसे ही एक दंपत्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज की दुनिया में प्रेमियों के लिए ना केवल एक मिसाल हैं बल्कि समाज को भी अनूठा संदेश दे रहे हैं।
जी हां, आज हम आपको बदायूं के दहगवां की एक जोड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका प्यार और समर्पण वैलेंटाइन डे के अर्थ को साकार करता है। हम बात कर रहे हैं अंकित गुप्ता और लवी वार्ष्णेय की। बता दें कि अंकित की दोनों किडनी खराब हो गई थी, जिसके बाद पत्नी लवी वार्ष्णेय ने अपनी किडनी देकर अपने पति की जान बचाई और प्यार और समर्पण का उदाहरण जो पेश किया है, वह आज की पीढ़ी में कम ही देखा जाता है।
किडनी हो गई थी खराब
आपको बता दें कि दहगवां के पूर्व ब्लाक प्रमुख सुभाष चंद्र गुप्ता के सबसे छोटे बेटे अंकित करीब 33 साल के हैं। अंकित की शादी बहजोई (संभल) निवासी बंगाली बाबू की बेटी लवी से साल 2016 में हुई थी। शादी के करीब 3 साल के बाद यह एक बेटी के माता-पिता बने। बेटी के जन्म के बाद परिवार में खुशियों की बहार आ गई थी। सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था लेकिन यह बात 2021 की है जब अंकित को सिर के दर्द के साथ, उल्टी, भूख ना लगना आदि जैसी परेशानी ज्यादा होने लगी थी।
जिसके बाद अंकित ने अपना रूटीन चेकअप करवाया था। क्रिटिनाइन 17.5 आया तो यह मालूम चला कि दोनों किडनी में दिक्कत है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में दिखाया तब दोनों किडनी खराब होने की बात पता चली। जब अंकित को अपनी दोनों किडनी खराब होने की जानकारी हुई तो डॉक्टरों ने डायलिसिस की सलाह दी थी।
फरवरी 2022 तक डायलिसिस का भयंकर दर्द और परेशानी अंकित झेलते रहे। वहीं अंकित की डेढ़ साल की बेटी को संभालना उनकी पत्नी लवी के सामने जिम्मेदारी थी। फिर वह एक दिन जब डॉक्टरों ने कह दिया कि डायलिसिस से भी काम नहीं चल पाएगा। डॉक्टर ने कहा कि अगर जीवन बचाना है तो किडनी ट्रांसप्लांट करनी पड़ेगी। जब यह बात परिवार के लोगों ने सुनी तो मानो उनके ऊपर पहाड़ टूट पड़ा हो।
एक किडनी देकर बचाई पति की जान
अंकित के मुताबिक, उनके पिता और दोनों भाई कई जटिलताओं की वजह से किडनी नहीं दे सकते थे। ऐसी स्थिति में लवी ने अंकित को किडनी देने का फैसला किया। 26 फरवरी 2022 को मेदांता अस्पताल में ऑपरेशन होने के बाद लवी ने अपनी एक किडनी देकर अपने पति अंकित की जिंदगी बचा ली। ट्रांसप्लांट के बाद करीब 3 महीने उन्हें परिवार से अलग रहना पड़ा था क्योंकि डॉक्टरों ने किसी के भी संपर्क में आने की सलाह दी थी। अब अंकित और लवी दोनों ही एक-एक किडनी के सहारे अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।