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हिमालय के जंगलों में बिजली, आग, पानी से उगता है दुनिया का सबसे महंगा मशरूम, जानिए क्या है “गुच्छी” की कीमत

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हर इंसान अपनी सेहत को बनाए रखने के लिए कई चीजों का सेवन करता है। हर इंसान अपनी सेहत के अनुरूप खाना खाता है और हर किसी को उनके मनपसंद चीजों को खाने का पूरा अधिकार होता है। लेकिन बहुत सी चीजें ऐसी होती है जो खाने में बहुत महंगी होती हैं। आम लोग तो इनके बारे में सोचते तक नहीं हैं।

आज हम आपको देश की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार और अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर एक सब्जी के बारे में बताने वाले हैं, जिसकी कीमत सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। यह सब्जी हिमालय की घाटियों और जंगलों में उगता है।

30,000 रुपए किलो बिक रही है ये सब्जी

अगर जब भी भारत में महंगे फल-सब्जियों या मसालों की बात की जाती है तो ऐसी स्थिति में सभी के दिमाग में सबसे पहले कश्मीरी केसर भी आता है। खेतों में उगने वाला कश्मीरी केसर की कीमत ₹15000 प्रति 100 ग्राम तक हो सकती है। लेकिन आज हम आपको इस लेख के माध्यम से देश की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार और अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर गुच्छी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हिमालय की घाटियों और जंगलों में उगता है और इसकी कीमत भी आम नहीं है। आपको यह जानकर आश्चर्य हो जाएगा कि यह हजारों रुपए में मिलती है।

जी हां, गुच्छी की कीमत बाजार में ₹30000 किलोग्राम तक हो सकती है। दुनिया का सबसे महंगा मशरूम और देश की सबसे महंगी सब्जी गुच्छी या स्पंज मशरूम हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर के बर्फीले इलाकों में पाई जाती है। बता दें कि गुच्छी की खेती करना संभव नहीं है और इसे जंगलों में जाकर ही ढूंढ कर लाया जा सकता है। इसे स्थानीय भाषा में छतरी, टटमोर या डुंघरू भी कहते हैं।

बिजली की गड़गड़ाहट, जंगल की आग और बर्फ की वजह से उगती है

वैसे तो गुच्छी के बारे में कई कहानियां बेहद मशहूर हैं। स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि यह सब्जी प्राकृतिक तरीके से बिजली की गड़गड़ाहट, जंगल की आग और बर्फ की वजह से उगती है। ऐसा भी बताया जाता है कि जो जंगल आग की वजह से बर्बाद हो जाते हैं वहां यह सब्जी और अच्छे से उगती है। गांव वाले गुच्छी को इकट्ठा करने के लिए जंगलों में मार्च और मई के बीच जाते हैं।

गुच्छी को ढूंढना बहुत मेहनत का काम होता है। यह बहुत अधिक संख्या में एक ही जगह पर उग सकते हैं और फिर ऐसा भी हो सकता है कि अगले दो-तीन सालों तक उस स्थान, क्षेत्र पर ना उगे। गुच्छी को इकट्ठा करने के बाद आग पर पकाते हैं। सूखी हुई गुच्छी का वजन कम होता है।

गुच्छी है पोषक तत्वों का खजाना

Tribune India की रिपोर्ट के अनुसार, इस मशरूम की खेती पहली बार साल 2021 में हुई। Indian Council of Agriculture Research की Directorate of Mushroom Research, सोलन ने गुच्छी की सफ़लतापूर्वक खेती कर ली। इससे पहले भारत में इसकी खेती नहीं हो सकी थी। अमेरिका, चीन, फ्रांस आदि देश भी गुच्छी की खेती कर रहे हैं। इससे पहले भारत में इसकी खेती नहीं हो सकी थी। अमेरिका, चीन, फ्रांस आदि देश भी गुच्छी की खेती कर रहे हैं। गुच्छी में कई तरह के पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें आयरन की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है। इसके अलावा इसमें विटामिन डी, विटामिन बी और कई तरह के मिनरल्स भी मौजूद होते हैं।

गुच्छी से कई प्रकार की खाने की चीजें जैसे गुच्छी पुलाव बनाई जाती हैं। इसमें लो फैट और हाई एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर पाए जाते हैं। गांव कनेक्शन के अनुसार, इस सब्जी को खाने से दिल से जुड़ी हुई बीमारियां नहीं होती हैं। मोटापा, सर्दी, जुखाम से लड़ने की क्षमता बढ़ाने में भी यह मशरूम सहायक होता है। सूजन दूर करने में भी लाभ होता है। कीमोथेरेपी में आने वाली कमजोरी दूर करने में भी सहायक होती है।

 

 

 

 

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